• Hindi English Names
  • Hindi Me Shabd
  • interesting Facts
  • Hindi Read Duniya – Dictionary

Essay Environment in Hindi | पर्यावरण पर निबंध 1000 शब्दों में PDF (पर्यावरण प्रदूषण / संरक्षण)

  • by Rohit Soni
  • Essay , Education
  • 11 min read

पर्यावरण पर निबंध 1000 शब्दों में PDF (पर्यावरण प्रदूषण / संरक्षण) Essay Environment in Hindi, पर्यावरण का जीवन में महत्व अथवा पर्यावरण संरक्षण हमारा दायित्य अथवा पर्यावरण प्रदूणण समस्या और निदान पर निबंध।

Table of Contents

पर्यावरण किसे कहते हैं? उदाहरण सहित

पर्यावरण शब्द ‘ परि ‘ + ‘ आवरण ‘ से मिलकर बना है। परि का अर्थ है चारों ओर तथा आवरण का अर्थ घेरा होता है। अर्थात् हमारे चारों ओर जो कुछ भी दृश्यमान एवं अदृश्य वस्तुएँ हैं, वही पर्यावरण है। दूसरे शब्दों में हमारे आस-पास जो भी पेड़-पौधें, जीव-जन्तु, जल, वायु, प्रकाश, मिट्टी आदि तत्व हैं वही हमारा पर्यावरण है।

Essay Environment in Hindi पर्यावरण पर निबंध (पर्यावरण संरक्षण / प्रदूषण)

इसके कुछ अन्य शीर्षक इस प्रकार से हैं जिस पर इस निबंध को लिखा जा सकता है-

  • प्रदूषण की समस्या
  • पर्यावरण प्रदूषण
  • पर्यावरण प्रदूषण समस्या और निदान
  • प्रदूषण कारण और निदान
  • पर्यावरण संरक्षण हमारा दायित्व
  • पर्यावरण का जीवन में महत्व

Essay Environment in Hindi | पर्यावरण पर निबंध 1000 शब्दों में (पर्यावरण प्रदूषण / संरक्षण)

पर्यावरण पर निबंध 100 शब्दों में (पर्यावरण पर निबंध 10 लाइन)

पर्यावरण – हमारा जीवन

  • पृथ्वी के चारों ओर फैले आवरण को ही पर्यावरण कहते हैं।
  • धरती पर जीवन जीने के लिए पर्यावरण प्रकृति का उपहार है।
  • पर्यावरण के अंतर्गत हवा, पानी, पेड़-पौधे इत्यादि आते हैं।
  • किसी सजीव प्राणी के जीवन के लिए आवश्यक सभी तत्व पर्यावरण से ही उपलब्ध होते हैं।
  • प्राकृतिक व कृत्रिम आपदा के वजह से दिन प्रति दिन पर्यावरण का संतुलन बिगड़ रहा है।
  • पर्यावरण के अभाव में जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती।
  • भविष्य में जीवन को बचाये रखने के लिए हमें पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित करना होगा।
  • वृक्षारोपण करना पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम के कारगर उपाय है।
  • यह पृथ्वी पर रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है।
  • 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है।

यह भी जानें चंद्रयान-3 कब पहुचेगा चाँद पर

पर्यावरण पर निबंध 600 शब्द (Paryavaran par Nibandh)

“पर्यावरण है जीवन का आधार। इसके बिना है जीवन बेकार।।”

[विस्तृत रूपरेखा – (1) प्रस्तावना, (2) प्रदूषण के विभिन्न प्रकार, (3) प्रदूषण की समस्या का समाधान, (4) उपसंहार ।]

प्रस्तावना-

प्रदूषण पर्यावरण में फैलकर उसे प्रदूषित बनाता है और इसका प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर उल्टा पड़ता है। इसलिए हमारे आस-पास की बाहरी परिस्थितियाँ जिनमें वायु, जल, भोजन और सामाजिक परिस्थितियाँ आती हैं; वे हमारे ऊपर अपना प्रभाव डालती हैं। प्रदूषण एक अवांछनीय परिवर्तन है; जो वायु, जल, भोजन, स्थल के भौतिक, रासायनिक और जैविक गुणों पर विरोधी प्रभाव डालकर उनको मनुष्य व अन्य प्राणियों के लिए हानिकारक एवं अनुपयोगी बना देता है। जो जीवधारियों के लिए किसी-न-किसी रूप में हानिकारक होता है। इसे ही प्रदूषण कहते हैं।

प्रदूषण के विभिन्न प्रकार-

प्रदूषण निम्नलिखित रूप में अपना प्रभाव दिखाते हैं

(1) वायु प्रदूषण – वायु मण्डल में गैसों का एक निश्चित अनुपात होता है, और जीव-जंतु अपनी क्रियाओं तथा साँस के द्वारा ऑक्सीजन और कार्बन डाइ ऑक्साइड का सन्तुलन बनाए रखते हैं। किन्तु मनुष्य अज्ञानवश आवश्यकता के नाम पर इन सभी गैसों के सन्तुलन को बिगाड़ रहा है। वह वनों को काटता है जिससे वातावरण में ऑक्सीजन कम होती है। कारखानों से निकलने वाली कार्बन डाइ-ऑक्साइड, क्लोराइड, सल्फर-डाई-ऑक्साइड आदि विभिन्न गैसें वातावरण में बढ़ जाती हैं। जो विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभाव मानव शरीर पर डालती हैं। यह प्रदूषण फेफड़ों में कैंसर, अस्थमा, हृदय सम्बन्धी रोग, आँखों के रोग, तथा मुहासे जैसे रोग फैलाता है।

(2) जल प्रदूषण- जल के बिना कोई भी जीव-जन्तु, पेड़-पौधे जीवित नहीं रह सकते। इस जल में भिन्न-भिन्न खनिज तत्व, कार्बनिक और अकार्बनिक पदार्थ तथा गैसें घुली रहती हैं, जो एक विशेष अनुपात में होती हैं। वे सभी के लिए लाभकारी होती हैं, लेकिन जब इनकी मात्रा अनुपात में बदलाव हो जाता है; तो जल प्रदूषित हो जाता है और हानिकारक बन जाता है। अनेक रोग पैदा करने वाले जीवाणु, वायरस, औद्योगिक संस्थानों से निकले पदार्थ, कार्बनिक पदार्थ, रासायनिक पदार्थ, खाद आदि जल प्रदूषण के कारण हैं। प्रदूषित जल से टायफाइड, पेचिस, पीलिया, मलेरिया इत्यादि अनेक रोग के कारण बनते हैं।

(3) रेडियो धर्मी प्रदूषण – परमाणु शक्ति उत्पादन केन्द्रों और परमाणु परीक्षणों से जल, वायु तथा पृथ्वी का सम्पूर्ण पर्यावरण प्रदूषित हो जाता है और वह वर्तमान पीढ़ी को ही नहीं, बल्कि भविष्य में आने वाली पीढ़ी के लिए भी हानिकारक सिद्ध हुआ है। इससे धातुएँ पिघल जाती हैं और वह वायु में फैलकर उसके झोंकों के साथ सम्पूर्ण विश्व में व्याप्त हो जातीं हैं तथा भिन्न-भिन्न रोगों से लोगों को ग्रसित बना देती हैं।

(4) ध्वनि प्रदूषण- आज ध्वनि प्रदूषण से मनुष्य की सुनने की शक्ति कम हो रही है। उसकी नींद बाधित हो रही है, जिससे नींद न आने के रोग उत्पन्न हो रहे हैं। मोटरकार, बस, जेट विमान, ट्रैक्टर, लाउडस्पीकर, सायरन और मशीनें अपनी ध्वनि से सम्पूर्ण पर्यावरण को प्रदूषित बना रहे हैं। इससे छोटे-छोटे कीटाणु नष्ट हो रहे हैं और बहुत-से पदार्थों का प्राकृतिक स्वरूप भी नष्ट हो रहा है।

(5) रासायनिक प्रदूषण – आज कृषक अपनी कृषि की पैदावार बढ़ाने के लिए अनेक प्रकार के रासायनिक खादों, कीटनाशक और रोगनाशक दवाइयों का प्रयोग कर रहा है। अतः जिससे उत्पन्न खाद्यान्न, फल, सब्जी, पशुओं के लिए चारा आदि मनुष्यों तथा भिन्न-भिन्न जीवों के पर घातक प्रभाव डालते हैं और उनके शारीरिक विकास पर भी इसके दुष्परिणाम होते हैं।

प्रदूषण की समस्या का समाधान-

आज औद्योगीकरण ने इस प्रदूषण की समस्या को अति गम्भीर बना दिया है। इस औद्योगीकरण तथा जनसंख्या वृद्धि से उत्पन्न प्रदूषण को व्यक्तिगत और शासकीय दोनों ही स्तर पर रोकने के प्रयास आवश्यक हैं। भारत सरकार ने सन् 1974 ई. में जल प्रदूषण निवारण एवं नियन्त्रण अधिनियम लागू कर दिया है जिसके अन्तर गत प्रदूषण को रोकथाम के लिए अनेक योजनाएँ बनायी गई हैं। प्रदूषण को रोकने का सबसे महत्त्वपूर्ण उपाय है वनों का संरक्षण। साथ ही, नए वनों का लगाया जाना तथा उनका विकास करना भी वन संरक्षण ही है। जन-सामान्य में वृक्षारोपण की प्रेरणा दिया जाना, इत्यादि प्रदूषण की रोकथाम के उपाय हैं।

पृथ्वी पर जीवन जीने के लिए पर्यावरण संतुलन बनाए रखना बहुत जरूरी है। प्रकृति ने हमें जो उपहार दिया है उसे हिफाजत करना हमारा कर्तव्य है। इसके लिए हमें सभी तरह उपाय करने चाहिए अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना होगा। जिससे प्रदूषण को नियंत्रित रखा जा सके। इस विषय में किसी कवि ने अच्छी पंक्तियाँ लिखी हैं।

“प्रकृति का अनमोल खजाना, सब कुछ है उपलब्ध यहाँ। लेकिन यदि यह नष्ट हुआ तो, जायेगा फिर कौन कहाँ ॥”

पर्यावरण पर निबंध 1000 शब्दों में (पर्यावरण प्रदूषण / संरक्षण) – Essay on Environment in Hindi

“जब सुरक्षित होगा पर्यावरण हमारा, तभी सुरक्षित होगा जीवन हमारा। “

[विस्तृत रूपरेखा – (1) प्रस्तावना, (2) पर्यावरण प्रदूषण, (3) प्रदूषण का घातक प्रभाव, (4) पर्यावरण संरक्षण (5) उपसंहार ।]

प्रस्तावना –

ईश्वर ने प्रकृति की गोद में उज्ज्वल प्रकाश, निर्मल जल और स्वच्छ वायु का वरदान दिया है। परन्तु मानव प्रकृति पर अपना आधिपत्य जमाने की धुन में वैज्ञानिक प्रगति के नाम पर प्रकृति को भारी क्षति पहुँचा रहा है। प्रकृति की गोद में विकसित होने वाले फल-फूल, सुन्दर लताएँ, हरे-भरे वृक्ष तथा चहचहाते पक्षी, अब उसके आकर्षण के केन्द्र बिन्दु नहीं रहे। प्रकृति का उन्मुक्त वातावरण अतीत के गर्भ में विलीन हो गया। मानव मन की जिज्ञासा और नयी-नयी खोजों की अभिलाषा ने प्रकृति के सहज कार्यों में हस्तक्षेप करना प्रारम्भ किया है। अतः पर्यावरण में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। यह प्रदूषण मुख्यत: चार रूपों में दिखायी पड़ता है –

  • ध्वनि प्रदूषण (Noise Pollution)
  • वायु प्रदूषण (Air Pollution)
  • जल प्रदूषण (Water Pollution)
  • मृदा प्रदूषण (Soil Pollution)

वैज्ञानिक प्रगति और प्रदूषण समस्या-वैज्ञानिक प्रगति के नाम पर मनुष्य ने प्रकृति के सहज-स्वाभाविक रूप को विकृत करने का प्रयास किया है। इससे पर्यावरण में अनेक प्रकार से प्रदूषण हुआ है और यह जीवो के लिए यह किसी भी प्रकार से हितकर नहीं है। पर्यावरण एक व्यापक शब्द है, जिसका सामान्य अर्थ है – प्रकृति द्वारा प्रदान किया गया समस्त भौतिक और सामाजिक वातावरण। इसके अन्तर्गत जल, वायु, भूमि, पेड़-पौधे, पर्वत तथा प्राकृतिक सम्पदा और परिस्थितियाँ आदि का समावेश होता है।

पर्यावरण प्रदूषण –

“साँस लेना भी अब मुश्किल हो गया है, पर्यावरण इतना प्रदूषित हो गया है।”

मानव ने खनिज और कच्चे माल के लिए खानों की खुदाई की, धातुओं को गलाने के लिए कोयले की भट्टियाँ जलायीं तथा कारखानों की स्थापना करके चिमनियों से ढेर सारा धुआँ आकाश में पहुँचाकर वायुमण्डल को प्रदूषित किया। फर्नीचर और भवन-निर्माण के लिए, उद्योगों और ईंधन आदि के लिए जंगलों की कटाई करके स्वच्छ वायु का अभाव उत्पन्न कर दिया। इससे भूमि क्षरण और भूस्खलन होने लगा तथा नदियों के जल से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई।

“वृक्ष धरा के भूषण हैं, करते दूर प्रदूषण हैं।। “

कल-कारखानों और शोधक कारखानों के अवशिष्ट गन्दे नालों में बहकर पवित्र नदियों के जल को दूषित करने लगे । विज्ञान निर्मित तेज गति के वाहनों दूषित धुआँ तथा तीव्र ध्वनि से बजने वाले हॉर्न और सायरनों की कर्ण भेदी ध्वनि से वातावरण प्रदूषित होने लगा । कृषि में रासायनिक खादों के प्रयोग से अनेक प्रकार के रोगों और विषैले प्रभावों को जन्म मिला। इस प्रकार वैज्ञानिक प्रगति पर्यावरण प्रदूषण में सहायक बनी।

पर्यावरण प्रदूषण के मुख्य कारण

पर्यावरण प्रदूषण के मुख्य कारण व्यक्तिगत लापरवाही और लोगों की अज्ञानता है। हम अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रकृति को नष्ट कर रहे हैं, अनावश्यक वस्तुओं का अधिक उपयोग कर रहे हैं और इससे पर्यावरण को हानि पहुंचा रहे हैं। हम अपनी बदलती जीवनशैली के चलते इसे नजरंदाज कर रहे हैं, जिसका परिणाम हमारे पर्यावरण का बिगड़ता हुआ स्वरूप है।

हमारी तरही की भ्रांतियों ने हमें अपनी प्राकृतिक संपदाओं की महत्वपूर्णता से अनजान रखा है। हम वनों को कटते हैं, नदियों को प्रदूषित करते हैं, वायुमंडल में विषाणुओं को छोड़ते हैं और पृथ्वी की खाद्य संसाधनों को उचित तरीके से उपयोग नहीं करते हैं। हमने पर्यावरण को अपने आनंदों और आवश्यकताओं की भूमिका से बाहर निकाल दिया है।

हमारी लापरवाही और संघर्ष के बिना, पर्यावरण प्रदूषण से जुड़ी समस्याओं का समाधान नहीं हो सकता। हमें जागरूकता फैलानी चाहिए, संघर्ष करना चाहिए, और समुदाय के साथ मिलकर संघर्ष करना चाहिए। हमें अपनी आदतों को परिवर्तित करना चाहिए, प्राकृतिक संसाधनों की संरक्षा के लिए संघर्ष करना चाहिए और समृद्ध और स्वच्छ पृथ्वी के लिए समर्पित होना चाहिए। हमारी पीढ़ियों के लिए एक बेहतर भविष्य के लिए, चलो हम सब मिलकर पर्यावरण प्रदूषण के मुख्य कारणों को दूर करने का संकल्प लें और हमारी प्रकृति को संरक्षित करने के लिए संघर्ष करें।

प्रदूषण का घातक प्रभाव –

आधुनिक युग में सम्पूर्ण संसार पर्यावरण प्रदूषण से पीड़ित है। हर साँस के साथ प्रदूषण का जहर शरीर में प्रवेश होता है और तरह-तरह की बीमारियाँ पनपती जा रही हैं। इस सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है कि प्रदूषण की इस बढ़ती हुई गति से एक दिन यह पृथ्वी, प्राणी तथा वनस्पतियों से विहीन हो सकती है और जीवों का ग्रह पृथ्वी एक बीती हुई कहानी बनकर रह जायेगी।

पर्यावरण संरक्षण –

दिनों-दिन बढ़ते प्रदूषण की आपदा से बचाव का मार्ग खोजना आज की महत्वपूर्ण आवश्यकता है। अतः पर्यावरण के संरक्षण के लिए संपूर्ण मानव जाति को एक साथ मिलकर प्रयास करना होगा। वृक्षों की रक्षा करके इस महान् संकट से छुटकारा पाया जा सकता है। पेड़-पौधे हानिकारक गैसों के प्रभाव को नष्ट करके प्राण-वायु प्रदान करते हैं, भूमि के क्षरण को रोकते हैं और पर्यावरण को शुद्ध करते हैं।

उपसंहार –

पर्यावरण की सुरक्षा और उचित सन्तुलन के लिए हमें जागरूक और सचेत होना अत्यंत आवश्यक है। जल, वायु, ध्वनि तथा पृथ्वी के प्रत्येक प्रकार के प्रदूषण को नियन्त्रित कर धीरे-धीरे उसे समाप्त करना आज के युग की परम आवश्यका बन गई है। यदि हम शुद्ध वातावरण में जीने की आकांक्षा रखते हैं तो पृथ्वी तथा पर्यावरण को शुद्ध तथा स्वच्छ बनाना होगा, तभी स्वस्थ नागरिक बन सकेंगे और सुखी, शान्त तथा आनन्दमय जीवन बिता सकने में समर्थ होंगे। इस प्रकार शुद्ध पर्यावरण का जीवन में विशेष महत्व है।

पर्यावरण पर निबंध 1000 शब्दों में PDF

पर्यावरण पर निबंध 100 शब्दों में (पर्यावरण पर निबंध 10 लाइन)

यह भी पढ़ें 👇

  • वायु प्रदूषण पर निबंध – Essay on Air Pollution
  • Water Pollution in Hindi – जल प्रदूषण पर निबंध 1500 शब्दों में
  • Global Warming पर निबंध

FAQ Environmental

पर्यावरण के प्रकार.

1. भौतिक पर्यावरण या प्राकृतिक पर्यावरण 2. जैविक पर्यावरण 3. मनो-सामाजिक पर्यावरण

पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध कैसे लिखें?

पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध कैसे लिखें? इसके लिए हमारी इस पोस्ट को देखें।

चंद्रयान 3 पर निबंध 100, 300, 500 शब्दों में | Chandrayaan 3 Essay in Hindi

Hello friends मेरा नाम रोहित सोनी (Rohit Soni) है। मैं मध्य प्रदेश के सीधी जिला का रहने वाला हूँ। मैंने Computer Science से ग्रेजुएशन किया है। मुझे लिखना पसंद है इसलिए मैं पिछले 5 वर्षों से लेखन का कार्य कर रहा हूँ। और अब मैं Hindi Read Duniya और कई अन्य Website का Admin and Author हूँ। Hindi Read Duniya   पर हम उपयोगी , ज्ञानवर्धक और मनोरंजक जानकारी हिंदी में  शेयर करने का प्रयास करते हैं। इस website को बनाने का एक ही मकसद है की लोगों को अपनी हिंदी भाषा में सही और सटीक जानकारी  मिल सके। View Author posts

4 thoughts on “Essay Environment in Hindi | पर्यावरण पर निबंध 1000 शब्दों में PDF (पर्यावरण प्रदूषण / संरक्षण)”

' data-src=

Sakshi kushwaha Thank You for comment.

' data-src=

Thanks sir nice essay

Welcome to my blog and keep reading.

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed .

पर्यावरण पर निबंध Essay on Environment in Hindi (1000W)

पर्यावरण पर निबंध Essay on Environment in Hindi (1000W)

आज हम इस आर्टिकल में पर्यावरण पर निबंध Essay on Environment in Hindi (1000) लिखा है जिसमें हमने प्रस्तावना, पर्यावरण का अर्थ, पर्यावरण का महत्व, विश्व पर्यावरण दिवस, पर्यावरण से लाभ और हानि, पर्यावरण और जीवन, पर्यावरण प्रौद्योगिकी प्रगति और प्रदूषण, पर्यावरण संरक्षण के उपाय के बारे में लिखा है।

Table of Contents

प्रस्तावना (पर्यावरण पर निबंध Essay on Environment in Hindi)

प्रकृति ने हमें एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण सौंपा था। किंतु मनुष्य ने अपने लालची पन और विकास के नाम पर उसे खतरे में डाल दिया है। विज्ञान की बढ़ती प्रकृति ने एक और तो हमारे लिए सुख- सुविधा में वृद्धि की है तो दूसरी ओर पर्यावरण को दूषित करके मानव के अस्तित्व पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है।

पर्यावरण का अर्थ Meaning of Environment 

“अमृत बांटें कर विष पान, वृक्ष स्वयं शंकर भगवान।”पर्यावरण दो शब्दों से मिलकर बना है पर +आवरण जिसका अर्थ है हमारे चारों ओर घिरे हुए वातावरण।

पर्यावरण और मानव का संबंध अत्यंत घनिष्ठ है। पर्यावरण से मनुष्य की  भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति होती है। पर्यावरण से हमें जल, वायु आदि कारक प्राप्त होते हैं।

पर्यावरण का महत्व Importance of Environment in Hindi

पर्यावरण से ही हम हैं, हर किसी के जीवन के लिए पर्यावरण का बहुत महत्व है, क्योंकि पृथ्वी पर जीवन पर्यावरण से ही संभव है। समस्त मनुष्य, जीव- जंतु, प्राकृतिक, वनस्पतियों, पेड़- पौधे, जलवायु, मौसम सब पर्यावरण के अंतर्गत ही निहित है।

पर्यावरण न सिर्फ जलवायु में संतुलन बनाए रखने का काम करता है, और जीवन के लिए आवश्यक सभी वस्तुएँ  उपलब्ध कराता है।

विश्व पर्यावरण दिवस World Environment Day 

लोगों को पर्यावरण के महत्व को समझाने और इसके प्रति जागरूकता फैलाने के मकसद से 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है।

5 जून 1973 को पहला पर्यावरण दिवस मनाया गया था। इस मौके पर कई जगहों पर जागरूकता कार्यक्रम कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है।

पर्यावरण से लाभ और हानि Advantages and Disadvantages of Environment in Hindi

पर्यावरण से लाभ advantages of environment in hindi.

पर्यावरण से हमें स्वच्छ हवा मिलती है। पर्यावरण हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण भाग है। पर्यावरण में जैविक,  अजैविक, प्राकृतिक तथा मानव निर्मित वस्तु का समावेश होता है।

प्राकृतिक पर्यावरण में पेड़, झाड़ियां, नदी, जल, सूर्य प्रकाश, पशु, हवा आदि शामिल है।जो हवा हम हर पल सांस लेते हैं, पानी जिस के सिवा हम जी नहीं सकते और जो हम अपनी दिनचर्या में इस्तेमाल करते हैं, पेड़ पौधे उनका हमारे जीवन में बहुत महत्व है।

यह सब प्राकृतिक चीजें हैं जो पृथ्वी पर जीवन संभव बनाती हैं। वह पर्यावरण के अंतर्गत ही आती हैं। पेड़-पौधों की हरियाली से मन का तनाव दूर होता है, और दिमाग को शांति मिलती है। पर्यावरण से ही हमारे अनेक प्रकार की बीमारी भी दूर होती है।

पर्यावरण मनुष्य, पशुओं और अन्य जीव चीजों को बढ़ाने और विकास होने में मदद करती है। मनुष्य भी पर्यावरण का एक महत्वपूर्ण भाग है। पर्यावरण का एक घटक होने के कारण हमें भी पर्यावरण का एक संवर्धन करना चाहिए।

पर्यावरण पर हमारा यह जीवन बनाए रखने के लिए हमें पर्यावरण की वास्तविकता को बनाए रखना होगा।

और पढ़ें: जल संरक्षण पर निबंध

पर्यावरण से हानि Disadvantages of Environment in Hindi

आज के युग में पर्यावरण प्रदूषण बहुत तेजी से बढ़ रहा है। बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण पर्यावरण की प्रकृति नष्ट हो रही है। हर जगह जहां घने वृक्ष हैं उन्हें काट कर वहां बड़ी इमारत बनाए जा रहे हैं।

गाड़ी की धुआ, फैक्ट्री मे मशीनों की आवाज, खराब रासायनिक जल इन सब की वजह से, वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, मृदा प्रदूषण हो रहा है। यह एक चिंता का विषय बन चुका है यह अत्यंत घातक है। जिसके कारण हमें अनेक प्रकार की बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है और हमारा शरीर हमेशा बिगड़ रहा है।

वही आज जहां विज्ञान में तकनीकी और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा मिला है और दुनिया में खूब विकास हुआ है तो दूसरी तरफ यह बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण के लिए भी जिम्मेदार है। आधुनिकीकरण, प्रौद्योगिकी करण और टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से पर्यावरण पर गलत प्रभाव पड़ रहा है।

मनुष्य  अपने स्वार्थ के चलते पेड़ पौधों की कटाई कर रहा है एवं प्राकृतिक संसाधनों से खिलवाड़ कर रहा है, जिसके चलते पर्यावरण को काफी क्षति पहुंच रही है, यही नहीं कुछ मानव निर्मित कारणों की वजह से वायुमंडल, जलमंडल आदि प्रभावित हो रहे हैं धरती का तापमान बढ़ रहा है और ग्लोबल वाल्मिग की समस्या उत्पन्न हो रही है, जो कि मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक है।

पर्यावरण हमारे लिए अनमोल रत्न है। इस पर्यावरण के लिए हम सभी को जागरूक होने की आवश्यकता है। पर्यावरण का सौंदर्य बढ़ाने के लिए हमें साफ-सफाई का भी बहुत ध्यान रखना चाहिए।

  • पेड़ों का महत्व समझ कर हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाना चाहिए। घने वृक्ष वातावरण को शुद्ध रखते हैं और हमें  छाया प्रदान करते हैं। घने वृक्ष पशु पक्षी का भी निवास स्थान है। इसीलिए हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए।

पर्यावरण और जीवन Environment and life in Hindi

पर्यावरण और मनुष्य एक दूसरे के बिना अधूरे हैं, अर्थात पर्यावरण पर ही मनुष्य पूरी तरह से निर्भर है। पर्यावरण के बिना मनुष्य अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकता है, भले ही आज विज्ञान ने बहुंत तरक्की कर ली हो।

लेकिन प्रकृति में जो हमें उपलब्ध करवाया है, उसकी कोई तुलना नहीं है। इसीलिए भौतिक सुख की प्राप्ति के लिए मनुष्य को प्रकृति का दोहन करने से बचना चाहिए।

वायु, जल, अग्नि, आकाश, थल ऐसे पांच तत्व है, जिस पर मानव जीवन टिका हुआ है, और यह सब हमें पर्यावरण से ही प्राप्त होते हैं। पर्यावरण ना केवल हमारे स्वास्थ्य का ख्याल रखता है बल्कि एक मां की तरह हमें सुख-शांति भी प्राप्त करता है।

पर्यावरण, प्रौद्योगिकी, प्रगति और प्रदूषण Environment, Technology, Progress and Pollution in Hindi

इसमें कोई दो राय नहीं है कि विज्ञान की उन्नत तकनीकी ने मनुष्य के जीवन को बेहद आसान बना दिया है, वहीं इससे ना सिर्फ समय की बचत हुई है बल्कि मनुष्य ने काफी प्रगति भी की है। लेकिन विज्ञान ने कई ऐसी खोज की है जिसका असर हमारे पर्यावरण पर पड़ रहा है, और जो मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए खतरा उत्पन्न कर रहा है।

पर्यावरण संरक्षण के उपाय Environmental protection measures in Hindi

  • उद्योग से निकलने वाला दूषित पदार्थ और धोएं का सही तरीके से निस्तारण करना चाहिए।
  • पर्यावरण हमारे लिए अनमोल रत्न है। इस पर्यावरण के लिए हम सभी को जागरूक होने की आवश्यकता है। पर्यावरण का सौंदर्य बढ़ाने के लिए हमें साफ-सफाई का भी बहुत ध्यान रखना चाहिए। 
  • पेड़ों की अंधाधुंध कटाई पर रोक लगानी चाहिए।
  • वाहनों का इस्तेमाल बेहद जरूरत के समय ही किया जाना चाहिए।
  • दूषित और जहरीले पदार्थों को निपटाने के लिए सख्त कानून बनाने चाहिए।
  • लोगों को पर्यावरण के महत्व को समझने के लिए जागरूकता फैलाने चाहिए।

हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की। यह पर्यावरण संतुलन के लिए ही बनाया गया एक उपक्रम है।

इस तरह हमें अपने पर्यावरण को बचाना चाहिए। लोगों को पर्यावरण का महत्व समझाना चाहिए। स्वच्छ पर्यावरण एक शांतिपूर्ण और स्वास्थ्य जीवन जीने के लिए बहुत आवश्यक है। 

पर्यावरण पर 10 लाइन 10 Line on Environment in Hindi

  • पर्यावरण दो शब्दों से मिलकर बना है परिधान +आवरण इसका अर्थ होता है हमारे चारों ओर् घिरे हुये वातावरण।
  • पर्यावरण और मानव का संबंध घनिष्ठ है।
  • पर्यावरण से ही हम हैं हर किसी के जीवन  के लिए पर्यावरण का बहुत महत्व है क्योंकि पृथ्वी पर जीवन पर्यावरण से ही संभव है।
  • पर्यावरण से हमें जल, वायु आदि कारक प्राप्त होते हैं।
  • पर्यावरण आसिफ जलवायु में संतुलन बनाए रखता है बल्कि, जीवन के लिए सभी आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराता है।
  • लोगों को पर्यावरण के महत्व को समझाने और जागरूकता फैलाने के मकसद से 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है।
  • पर्यावरण से हमें स्वच्छ हवा मिलती है।
  • प्राकृतिक पर्यावरण में पेड़, झाड़ियां, नदी, जल, सूर्य प्रकाश, पशु, हवा आदि शामिल है।
  • पर्यावरण ना केवल हमारे स्वास्थ्य का ख्याल रखता है बल्कि एक मां की तरह हमें सुख-शांति भी प्राप्त करता है।
  • घने वृक्ष पशु-पक्षी का निवास स्थान है। घने वृक्ष वातावरण को शुद्ध रखते हैं और हमेशा या प्रदान करते हैं।

निष्कर्ष Conclusion

पर्यावरण के प्रति हम सब को जागरूक होने की आवश्यकता है। पेड़ों की हो रही है अंधाधुन कटाई पर सरकार द्वारा सख्त कानून बनाना चाहिए। इसके साथ ही पर्यावरण को स्वच्छ रखना और हमारा कर्तव्य समझना चाहिए, क्योंकि स्वच्छ पर्यावरण में ही रहकर स्वास्थ्य मनुष्य का निर्माण हो सकता है और उसका विकास हो सकता है।आशा करते हैं आपको हमारा पर्यावरण पर निबंध अच्छा लगा होगा।

1 thought on “पर्यावरण पर निबंध Essay on Environment in Hindi (1000W)”

आपने पर्यावरण पर जो निबंध लिखा है सचमुच ही हृदय को छू लेने वाला है। अगर जन-जन में यह क्रांति फैलाई जाए की मनुष्य जहां- जहां घर बनाते हैं वहां 6 फुट का जगह छोड़ना चाहिए और एक आम और नीम का पेड़ जरूर लगाना चाहिए।

Leave a Comment Cancel reply

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed .

environment essay in hindi class 10

पर्यावरण पर निबंध – इस लेख हम पर्यावरण से तात्पर्य, पर्यावरण के प्रकार, पर्यावरण और मानव का संबंध, पर्यावरण असंतुलन, पर्यावरण संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण आदि के बारे में जानेगे |

अनादिकाल से मानव का अस्तित्व वनस्पति और जीव-जंतुओं के ऊपर निर्भर रहा है। जीवन और पर्यावरण एक दूसरे से संबद्ध है । समस्त जीवधारियों का जीवन पर्यावरण की उपज होता है। अतः हमारे तन मन की रचना, शक्ति, सामर्थ्य एवं विशेषता और संपूर्ण पर्यावरण से नियंत्रित होती है। उसी में पनपती हैं और विकास पाती हैं। वस्तुतः जीवन और पर्यावरण एक दूसरे से इतने जुड़े हुए हैं कि दोनों का सहअस्तित्व बहुत आवश्यक है।

पर्यावरण मूलतः प्रकृति की देन है। यह भूमि, वन, पर्वतों, झरने, मरुस्थल, मैदानों, घास, रंग-बिरंगे पशु पक्षी, स्वच्छ जल से भरी लहलहाती झीलों और सरोवरों से भरा है। सौरमंडल के ग्रहों में पृथ्वी एकलौता ऐसा ग्रह है जहां जीवन संभव है। इसका कारण यहां का पर्यावरण है।

  • पर्यावरण से तात्पर्य
  • पर्यावरण के प्रकार

पर्यावरण और मानव का संबंध

  • पर्यावरण असंतुलन

पर्यावरण संरक्षण

पर्यावरण प्रदूषण, पर्यावरण प्रबंधन, विश्व पर्यावरण दिवस, पर्यावरण से तात्पर्य .

पर्यावरण दो शब्दों से मिलकर बना है –  परि‌+ आवरण। परि का अर्थ है चारों ओर, आवरण का अर्थ है घेरे हुए । इस प्रकार ऐसा आवरण जो हमें चारों ओर से घेरे हुए है, पर्यावरण कहलाता है। पर्यावरण को अंग्रेजी में एनवायरनमेंट कहते हैं। एनवायरनमेंट शब्द फ्रेंच भाषा के “environner”  शब्द से लिया गया है। जिसका अर्थ है घिरा हुआ या घेरा होना।

यह एक तरह से हमारा सुरक्षा कवच है, जो हमें प्रकृति से विरासत में मिला है।

दूसरे शब्दों में पर्यावरण का अर्थ जैविक और अजैविक घटकों एवं उनके आसपास के वातावरण के सम्मिलित रूप से है, जो जीवन के आधार को संभव बनाते है।

पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के अनुसार पर्यावरण,‌किसी किसी जीव के चारों ओर घिरी भौतिक एवं जैविक दशा व उनके साथ अंतक्रिया को सम्मिलित करता है । 

  Top  

पर्यावरण के प्रकार 

पर्यावरण में पाए जाने वाले कारकों के आधार पर हम इसे दो भागों में बांट सकते हैं ।

प्राकृतिक पर्यावरण

मानव निर्मित पर्यावरण.

प्राकृतिक पर्यावरण के अंतर्गत वे सभी संसाधन आते हैं, जो हमें प्रकृति से प्राप्त है या जिन के निर्माण में मनुष्य की कोई सहभागिता नहीं है। जो अनादि काल से इस धरती पर अस्तित्व में है। प्राकृतिक पर्यावरण के अंतर्गत नदी, पर्वत, जंगल, गुफा, मरुस्थल, समुद्र आदि आते हैं। 

हमें प्रकृति से भरपूर मात्रा में खनिज, पेट्रोलियम, लकड़ियां, फल, फूल, औषधियां प्राप्त होती है, जिनका उपयोग अपने दैनिक जीवन की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए करते हैं। सबसे महत्वपूर्ण है – प्राणदायी ऑक्सीजन,‌ जो हमें पेड़ों से प्राप्त होती है। इन सब के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती।

मानव निर्मित पर्यावरण में तालाब, कुंए, खेत ,‌ बगीचे, घर-आवास, इमारतें, उद्योग आदि आते हैं। यह सब मिलकर मनुष्य जीवन का आधार विकसित करते हैं और एक तरह से मानव जीवन की प्रगति का सूचक है कि – किस तरह झोपड़ियों में रहने वाला मानव, आज गगनचुंबी इमारतों का निर्माण कर रहा है। 

जैसे सभ्यताओं का विकास हुआ, मनुष्य ने नए-नए आविष्कार किए और अपने जीवन को सुविधाजनक बनाने हेतु, वह प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक उपयोग करने लगा, और आज मानव निर्मित पर्यावरण, धरती के कोने-कोने पर विस्तृत होता जा रहा है।

पानी के अंदर हो या आसमान में, मनुष्य सब जगह अपना साम्राज्य स्थापित करने में लगा है । अब तो हमने दूसरे ग्रहों पर भी जीवन की तलाश करना शुरू कर दिया है।

प्राचीन काल से ही वृक्षों के प्रति भारतीय समाज का अनुराग सांस्कृतिक परंपरा के रूप में विकसित हुआ हैं। चाहे कोई ‌भी धार्मिक त्यौहार हो या शुभ अवसर। हिंदू धर्म में पेड़ों को शुभ मानकर पूजा जाता है। पौराणिक कथाओं में तुलसी, पीपल, वट जैसे वृक्षों का विशेष महत्व बताया गया है। हमारे ऋषि मुनि आदिमानव प्रकृति के साथ तालमेल मिलाकर जीवन यापन करते थे। गुफाओं में रहते थे। कंदमूल फल खाते थे और प्रकृति का सम्मान करते थे। एक तरह से उन्होंने पर्यावरण के साथ सामंजस्य बिठाना सीख लिया था और आज भी मानव का अस्तित्व वनस्पति और जीव-जंतुओं के ऊपर निर्भर है। पर्यावरण हम सबका पालनहार और जीवनाधार है। किंतु आश्चर्य होता है कि मनुष्य धरती के स्त्रोतों का कितना अंधाधुंध दोहन करता जा रहा है। जिससे सारा प्रकृति तंत्र गड़बड़ा गया है। अब वह दिन दूर नहीं लगता, जब धरती पर हजारों शताब्दियों पुराना हिम युग लौट आएगा अथवा ध्रुवों पर जमी बर्फ की मोटी परत पिघल जाने से समुद्र की प्रलयकारी लहरें  नगरो, वन ,पर्वतो, और जंतुओं को निगल जाएंगी।

पर्यावरण असंतुलन 

हम सभी जानते हैं कि धरती पर जीवन, प्रकृति संतुलन से संभव हो सका है। धरती वनस्पतियों से ढक ना जाए, इसलिए घास खाने वाले जानवर पर्याप्त संख्या में थे। इन घास खाने वाले जानवरों की संख्या को संतुलित,‌ सीमित रखने के लिए हिंसक जंतु भी थे। इन तीनों का अनुपात, संतुलित‌ और नियंत्रित था।

किंतु समय के साथ पर्यावरण का संतुलन तेजी से बिगड़ता जा रहा है। मनुष्य, प्रकृति द्वारा प्रदत्त संसाधनों का अविवेकपूर्ण ढंग से दुरुपयोग कर रहा है, जिससे सारा प्रकृति तंत्र गड़बड़ा गया है। इसी असंतुलन से भूमि, वायु, जल और ध्वनि के प्रदूषण उत्पन्न हो रहे हैं। पर्यावरण प्रदूषण से फेफड़ों के रोग, हृदय, पेट की बीमारियां, दृष्टि और श्रवण क्षतियां, मानसिक तनाव और तनाव संबंधी रोग पैदा हो रहे हैं।

आधुनिक युग में वैज्ञानिक आविष्कारों और उद्योग धंधों के विकास, फैलाव के साथ-साथ जनसंख्या का भयावाह विस्फोट हुआ है। इन सभी कारकों ने पर्यावरण असंतुलन उत्पन्न किया है।

पर्यावरण को विकृत और दूषित करने वाली समस्त विपदाएं हमारी ही लाई हुई है। हम स्वयं  प्रकृति का संतुलन बिगड़ रहे हैं, इसी असंतुलन से पर्यावरण की रक्षा हेतु, इसका संरक्षण आवश्यक है। पर्यावरण संरक्षण, कोई आज का मुद्दा नहीं है , वर्षों से पर्यावरण संरक्षण के लिए अनेक आंदोलन चलाए जा रहे हैं- 

  • विश्नोई आंदोलन 

यह प्रकृति पूजकों का अहिंसात्मक आंदोलन था। आज से 286 साल पहले सन 1730 में राजस्थान के खेजड़ली गांव में 263 बिश्नोई समुदाय की स्त्री-पुरुषों ने पेड़ों की रक्षा हेतु अपना बलिदान दिया था। 

  • चिपको आंदोलन

उत्तराखंड के चमोली जिले में सुंदरलाल बहुगुणा चंडी प्रसाद भट्ट के नेतृत्व में यह आंदोलन चलाया गया था। उत्तराखंड सरकार के वन विभाग के ठेकेदारों द्वारा वनों का कटाई की जा रही थी । उनके खिलाफ लोगों ने पेड़ों से चिपककर विरोध जताया था।

  • साइलेंट वैली

केरल की साइलेंट वैली या शांति घाटी जो अपनी सघन जैव विविधता हेतु प्रसिद्ध है। सन 1980 में कुंतीपूंझ नदी पर 200 मेगावाट बिजली निर्माण हेतु बांध बनाने का प्रस्ताव रखा गया था । लेकिन इस परियोजना से वहां स्थित कई विशिष्ट पेड़-पौधों की प्रजातियां नष्ट हो जाती है। अतः कई समाजसेवी व वैज्ञानिकों, पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया और अंततः सन‌ 1985 में केरल सरकार ने साइलेंट वैली को राष्ट्रीय आरक्षित वन घोषित कर दिया गया।

  • जंगल बचाओ आंदोलन 

जंगल बचाओ आंदोलन इसकी शुरुआत सन 1980 में बिहार में हुई थी, बाद में उड़ीसा झारखंड तक फैल गया । सन् 1980 में सरकार ने बिहार के जंगलों को, सागोन के पेड़ों में बदलने की योजना पेश की थी । इसी के विरोध में बिहार के आदिवासी कबीले एकजुट हुए और उन्होंने अपने जंगलों को बचाने के लिए आंदोलन चलाया।

मनुष्य जिस तेजी के साथ विकास कर रहा है उतनी ही तेजी से पर्यावरण को प्रदूषित भी कर रहा है । हमने पर्यावरण में पाए जाने वाले सभी जैविक और अजैविक घटकों का अंधाधुंध उपयोग किया है जिसकी वजह से पर्यावरण प्रदूषण उत्पन्न हुआ है।

प्राकृतिक पर्यावरण के भौतिक , रासायनिक ,जैविक विशेषताओं में अवांछनीय परिवर्तन लाने वाले पदार्थ को प्रदूषक कहते हैं। सामान्यतया प्रदूषण, मानव क्रियाकलापों के कारण होता है।

पर्यावरण प्रदूषण को चार भागों में बांट सकते ‌है-

जल प्रदूषण 

जल मानव के जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग है । स्वच्छ जल , स्वास्थ्य और मानव विकास के लिए अनिवार्य है । जल की भौतिक ,रासायनिक तथा जैविक विशेषताओं में परिवर्तन,जिससे मानव तथा जलीय जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हो, जल प्रदूषण कहलाता है।

जल प्रदूषण का दुष्प्रभाव

प्रदूषित जल का विपरीत प्रभाव लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ता है । प्रदूषित जल के कारण अनेक बीमारियां फैलती हैं। जैसे हैजा, पेचिस, अतिसार, पीलिया तथा क्षय रोग। भारत में पेट से जुड़ी हुई 80% बीमारियां जल संक्रमण के कारण होती हैं । बीमारियों में सबसे अधिक प्रभावित नगरीय गंदी बस्तियों तथा ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले बच्चे होते हैं।

जल प्रदूषण के मुख्य कारण है – 

  • औद्योगिकीकरण 
  • नदियों के जल का उपयोग
  • फसलों की सुरक्षा के लिए रसायनों का उपयोग 
  • धार्मिक सांस्कृतिक रीति-रिवाजों के कारण नदियों में बढ़ता प्रदूषण

जल प्रदूषण रोकने के उपाय- 

  • प्रदूषित जल को उपचारित किया जाए ।
  • नदी और समुद्र तटों की समय-समय पर सफाई हो।
  •  पीने के पानी की बचत हो।
  •  वाटर हार्वेस्टिंग को बढ़ावा ।
  •  वर्षा जल संरक्षण।

वायु प्रदूषण

पृथ्वी के वायुमंडल में मानव निर्मित प्रदूषक को का मौजूद होना वायु प्रदूषण कहलाता है । जिससे पेड़ पौधों एवं मनुष्य के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है । सामान्यता वायु प्रदूषण में कार्बन डाई आक्साइड , कार्बन मोनोऑक्साइड,  नाइट्रोजन ऑक्साइडस,  सल्फर डाइऑक्साइड,  ओजोन आदि गैसें शामिल हैं ।

वायु प्रदूषण के कारण  

कई स्वास्थ्य संबंधी रोग जैसे खांसी ,दमा ,जुकाम ,निमोनिया, फेफड़े का संक्रमण, रक्त क्षीणता, उच्च रक्तचाप ,ह्रदय रोग विभिन्न प्रकार के कैंसर आदि से पीड़ित लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है ।

  प्रदूषण रोकने के उपाय

  • इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा दिया जाए।
  • चूल्हे की जगह एलपीजी का उपयोग को बढ़ावा। 
  • पब्लिक ट्रांसपोर्ट  का अधिक उपयोग करें ।
  • वाहनों को विकसित करने की तकनीक में सुधार लाएं ।

मृदा प्रदूषण

मृदा, मानव जाति के लिए अत्यंत उपयोगी तथा जीवनदायिनी है । मृदा, मनुष्यों के क्रियाकलापों अथवा कभी-कभी पर्यावरणीय संकट के कारण प्रदूषित हो जाती है ।

मृदा तथा भूमि प्रदूषण के मुख्य कारक हैं – 

  • मृदा अपरदन।
  • रसायनिक खादों तथा फसलों की सुरक्षा हेतु रसायनों का अत्यधिक उपयोग।
  • उद्योगों कारखानों से निकले ठोस अपशिष्ट ।
  • जंगल की आग।
  • खनन अपशिष्टों द्वारा।

मृदा प्रदूषण के दुष्प्रभाव  

  • मृदा की उर्वरता शक्ति में कमी आ जाती है ।
  • मिट्टी में कटाव उत्पन्न हो जाता है।
  • भूमि कृषि योग्य नहीं रहती।

 मृदा प्रदूषण रोकने के उपाय

रासायनिक खादों , कीटनाशक का नियंत्रित उपयोग कर मृदा प्रदूषण को कम किया जा सकता है । नगरी तथा औद्योगिक अपशिष्टों का उचित निपटान कर, मृदा को प्रदूषण से बचाया जा सकता है।

ध्वनि प्रदूषण 

ध्वनि प्रदूषण, वायुमंडलीय प्रदूषण का एक मुख्य भाग है। किसी अवांछनीय अत्यधिक तीव्र ध्वनि द्वारा लोगों को पहुंचे असुविधा एवं शांति को ध्वनि प्रदूषण कहते हैं।

ध्वनि प्रदूषण के कारण  

  • नगरीकरण तथा औद्योगिकरण के कारण ध्वनि प्रदूषण बढ़ गया है ।
  •  ऑटोमोबाइल, फैक्ट्री मशीनें धार्मिक स्थानों पर लाउडस्पीकर ध्वनि प्रदूषण का मुख्य कारण है ।

ध्वनि प्रदूषण के दुष्प्रभाव 

  • ध्वनि प्रदूषण के कारण सुनने की क्षमता प्रभावित होती है।
  • मानसिक तनाव , हृदय रोग,‌ रक्तचाप चिड़चिड़ापन आदि समस्याएं उत्पन्न होती हैं ।

  प्रदूषण रोकने के उपाय   

  • उद्योगों को आवासीय क्षेत्रों से दूर ले जाकर बसाना चाहिए।
  • पुराने मशीनों का प्रतिस्थापन करना चाहिए
  • हार्न का उपयोग न्यूनतम करना चाहिए। 
  • रेल पटरी में सुधार।
  • नई पीढ़ी को ध्वनि प्रदूषण के प्रतिकूल प्रभाव के बारे में जागरूक करना ।

हमारे आवश्यकता असीमित है तथा प्राकृतिक संसाधन सीमित । प्राकृतिक संसाधनों का उचित उपयोग इसे धारणीय बनाने के लिए आवश्यक है इसलिए संसाधनों का संरक्षण जरूरी है । पर्यावरण के संरक्षण का अर्थ है संसाधनों का इस तरह से उपयोग किया जाए कि वर्तमान पीढ़ी अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति आने वाली पीढ़ी की आवश्यकताओं से बगैर समझौता किए कर सके । 

इस संरक्षण के मुख्य उद्देश्य होने चाहिए- 

पारिस्थितिक तंत्र को संतुलित रखा जाए

जैव विविधता को बनाए रखा जाए।

वनों का संरक्षण किया जाए ।

वृक्षारोपण को बढ़ावा दिया जाए।

मानव क्रियाकलापों के कारण पर्यावरण में तेजी से बदलाव आ रहा है। इस बदलाव के अनेक रूप है । जैसे ओजोन क्षरण, वनों की कटाई, अम्ल वर्षा, वायुमंडल में ग्रीन हाउस गैसों की अधिकता, फलस्वरुप भूमंडलीय तापमान में वृद्धि।

घटते प्राकृतिक संसाधनों की समस्या से निपटने के लिए समाज के सभी स्तर पर पर्यावरण संबंधी जागरूकता अनिवार्य है । वैज्ञानिकों ,राजनीतिज्ञों, नियोजकों  तथा लोगों को सम्मिलित रूप से पर्यावरण की स्थिति सुधारने के लिए काम करना होगा । जिसके लिए संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग आवश्यक है । इन उद्देश्यों को पूरा करने के लिए कुछ उपाय निम्नलिखित हो सकते हैं- 

  • विकासशील देशों की जनसंख्या नीति में परिवर्तन ताकि और नियंत्रित जनसंख्या वृद्धि को रोका जा सके ।
  • विकसित देशों में नियंत्रित उपभोक्तावाद।
  • ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को घटाना ।
  • विकास की नीतियों का मुख्य ध्यान देसी वैज्ञानिक तकनीक पर आधारित हो।
  • विश्व के सभी विकास कार्यक्रमों का सख्त पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन होना चाहिए ।
  • सभी स्तर के शिक्षा में पर्यावरण की शिक्षा एक अनिवार्य विषय होना चाहिए ।
  • व्यापक शिक्षा तथा पर्यावरण जागरूकता के कार्यक्रमों में निवेश के द्वारा निजी क्षेत्र की सहभागिता जरूरी ।
  • सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थानों की मदद से लोगों को पर्यावरण संबंधी मुद्दों के बारे में शिक्षित करना ।
  • देश के विभिन्न भागों में पर्यावरण जागरूकता विकसित करने के लिए नियमित सम्मेलनों, संगोष्ठी, टेलीविजन एवं रेडियो पर वार्ताओं का आयोजन करना ।
  • पर्यावरण अनुसंधान के लिए अतिरिक्त फंड की आवश्यकता।
  • पर्यावरण संरक्षण में मीडिया की भूमिका।
  • जनमानस में पर्यावरण की पूर्णता और मानव की महत्ता संबंधी शिक्षा की आवश्यकता पर बल।

हर साल 5 जून को वैश्विक स्तर पर पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। दरअसल 1972 में स्टॉकहोम में संयुक्त राष्ट्र महासभा का सम्मेलन हुआ था । जिसमें पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहन देने के लिए , हर वर्ष 5 जून को पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत की गई ।

हर वर्ष अलग देश द्वारा इसका आयोजन किया जाता है । 

इस वर्ष 2022 में हमने 50 वां पर्यावरण दिवस मनाया।  भारत ने इस अवसर पर पर्यावरण के लिए जीवन शैली (LiFE लाइफ स्टाइल फॉर द एनवायरनमेंट ) आंदोलन की शुरुआत की है।

Recommended Read –

  • दुर्गा पूजा पर निबंध
  • बसंत ऋतु पर निबंध
  • भारत में साइबर सुरक्षा पर निबंध
  • भारत में चुनावी प्रक्रिया पर निबंध
  • योग पर निबंध
  • स्टार्टअप इंडिया पर निबंध
  • फिट इंडिया पर निबंध
  • द्रौपदी मुर्मू पर निबंध
  • क्रिकेट पर निबंध
  • क्रिप्टो करेंसी पर निबंध
  • सौर ऊर्जा पर निबंध
  • जनसंख्या वृद्धि पर निबंध
  • भारत में भ्रष्टाचार पर निबंध for UPSC Students
  • शहरों में बढ़ते अपराध पर निबंध
  • पर्यावरण पर निबंध
  • भारतीय संविधान पर निबंध
  • भारत के प्रमुख त्योहार पर निबंध
  • भारत में बेरोजगारी की समस्या पर निबंध
  • टेलीविजन पर निबंध
  • परिश्रम का महत्व पर निबंध 
  • गणतंत्र दिवस पर निबंध 
  • विज्ञान वरदान है या अभिशाप पर निबंध
  • टीचर्स डे पर निबंध
  • वैश्वीकरण पर निबंध
  • जलवायु परिवर्तन पर निबंध
  • मंकी पॉक्स वायरस पर निबंध
  • मेक इन इंडिया पर निबंध
  • भारत में सांप्रदायिकता पर निबंध
  • वेस्ट नील वायरस पर निबंध
  • पीएसयू का निजीकरण पर निबंध
  • भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतों का प्रभाव पर निबंध
  • नई शिक्षा नीति 2020 पर निबंध
  • आधुनिक संचार क्रांति पर निबंध
  • सोशल मीडिया की लत पर निबंध
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निबंध
  • महिला सशक्तिकरण पर निबंध
  • प्रदूषण पर निबंध
  • मृदा प्रदूषण पर निबंध
  • वायु प्रदूषण पर निबंध
  • गाय पर हिंदी में निबंध
  • वन/वन संरक्षण पर निबंध
  • हिंदी में ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध
  • चंद्रयान पर निबंध
  • हिंदी में इंटरनेट पर निबंध
  • बाल श्रम या बाल मज़दूरी पर निबंध
  • ताजमहल पर निबंध
  • हिंदी में अनुशासन पर निबंध
  • भ्रष्टाचार पर निबंध
  • मेरा विद्यालय पर निबंध हिंदी में
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध
  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध
  • गणतंत्र दिवस निबंध हिंदी में
  • स्वतंत्रता दिवस पर निबंध
  • हिंदी में दिवाली पर निबंध
  • होली पर निबंध
  • नोट-बंदी या विमुद्रीकरण पर निबंध
  • निबंध लेखन, हिंदी में निबंध

Submit a Comment Cancel reply

You must be logged in to post a comment.

Hindi Writing Skills

  • Formal Letter Hindi
  • Informal Letter Hindi
  • ई-मेल लेखन | Email Lekhan in Hindi Format
  • Vigyapan Lekhan in Hindi
  • Suchna lekhan
  • Anuched Lekhan
  • Anuchchhed lekhan
  • Samvad Lekhan
  • Chitra Varnan
  • Laghu Katha Lekhan
  • Sandesh Lekhan

HINDI GRAMMAR

  • 312 हिंदी मुहावरे अर्थ और उदाहरण वाक्य
  • Verbs Hindi
  • One Word Substitution Hindi
  • Paryayvaachi Shabd Class 10 Hindi
  • Anekarthi Shabd Hindi
  • Homophones Class 10 Hindi
  • Anusvaar (अनुस्वार) Definition, Use, Rules, 
  • Anunasik, अनुनासिक Examples
  • Arth vichaar in Hindi (अर्थ विचार), 
  • Adverb in Hindi – क्रिया विशेषण हिंदी में, 
  • Adjectives in Hindi विशेषण, Visheshan Examples, Types, Definition
  • Bhasha, Lipiaur Vyakaran – भाषा, लिपिऔरव्याकरण
  • Compound words in Hindi, Samaas Examples, Types and Definition
  • Clauses in Hindi, Upvakya Examples, Types 
  • Case in Hindi, Kaarak Examples, Types and Definition
  • Deshaj, Videshaj and Sankar Shabd Examples, Types and Definition
  • Gender in Hindi, Ling Examples, Types and Definition
  • Homophones in Hindi युग्म–शब्द Definition, Meaning, Examples
  • Indeclinable words in Hindi, Avyay Examples, Types and Definition
  • Idioms in Hindi, Muhavare Examples, Types and Definition
  • Joining / combining sentences in Hindi, Vaakya Sansleshan Examples, Types and Definition
  • संधि परिभाषा, संधि के भेद और उदाहरण, Sandhi Kise Kehte Hain?
  • Noun in Hindi (संज्ञा की परिभाषा), Definition, Meaning, Types, Examples
  • Vilom shabd in Hindi, Opposite Words Examples, Types and Definition
  • Punctuation marks in Hindi, Viraam Chinh Examples, Types and Definition
  • Proverbs in Hindi, Definition, Format, मुहावरे और लोकोक्तियाँ
  • Pronoun in Hindi सर्वनाम, Sarvnaam Examples, Types, Definition
  • Prefixes in Hindi, Upsarg Examples, types and Definition
  • Pad Parichay Examples, Definition
  • Rachna ke aadhar par Vakya Roopantar (रचना के आधार पर वाक्य रूपांतरण) – Types , Example
  • Suffixes in Hindi, Pratyay Examples, Types and Definition
  • Singular and Plural in Hindi (वचन) – List, Definition, Types, Example
  • Shabdo ki Ashudhiya (शब्दों की अशुद्धियाँ) Definition, Types and Examples
  • Shabdaur Pad, शब्द और पद Examples, Definition, difference in Shabd and Pad
  • Shabd Vichar, शब्द विचार की परिभाषा, भेद और उदाहरण | Hindi Vyakaran Shabad Vichar for Class 9 and 10
  • Tenses in Hindi (काल), Hindi Grammar Tense, Definition, Types, Examples
  • Types of sentences in Hindi, VakyaVishleshan Examples, Types and Definition
  • Voice in Hindi, Vachya Examples, Types and Definition
  • Verbs in Hindi, Kirya Examples, types and Definition
  • Varn Vichhed, वर्ण विच्छेद Examples, Definition
  • Varn Vichar, वर्ण विचार परिभाषा, भेद और उदाहरण
  • Vaakya Ashudhhi Shodhan, वाक्य अशुद्धिशोधन Examples, Definition, Types
  • List of Idioms in Hindi, Meaning, Definition, Types, Example

Latest Posts

  • My Financial Career Question Answers Maharashtra State Board Class 9
  • My Financial Career Summary, Explanation, Theme | Maharashtra State Board Class 9 English Lesson
  • Intellectual Rubbish Summary, Explanation, Theme | Maharashtra State Board Class 9 English Lesson
  • CBSE Board Exams 2025 Date Sheet Released
  • Mystery of the Talking Fan Question Answers (Important)| Class 7 English Honeycomb Book
  • Trees Question Answers (Important)| Class 7 English Honeycomb Book
  • Intellectual Rubbish Question Answers Maharashtra State Board Class 9
  • Garden Snake Summary, Explanation, Word Meanings Class 7
  • Diwali Wishes in Hindi
  • Friendship Day Wishes in Hindi
  • Dussehra wishes in Hindi
  • Navratri Wishes in Hindi
  • Hindi Diwas Quotes in Hindi 
  • Congratulations Message in Hindi
  • Teacher’s Day Wishes in Hindi
  • Ganesh Chaturthi Wishes in Hindi
  • Janmashtami Messages in Hindi
  • Raksha Bandhan Wishes in Hindi
  • Birthday Wishes in Hindi
  • Anniversary Wishes in Hindi
  • Father’s Day Quotes and Messages
  • Father’s Day quotes in Hindi
  • International Yoga Day Slogans, Quotes and Sayings
  • अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस Slogans, Quotes and Sayings
  • Good Morning Messages in Hindi
  • Good Night Messages in Hindi | शुभ रात्रि संदेश
  • Wedding Wishes in Hindi

Important Days

  • National Space Day Quiz| National Space Day MCQs
  • World Soil Day – Date, History, Significance
  • International Yoga Day Slogans, Quotes and Sayings by Famous people 2024
  • Calendar MCQ Quiz for Various Competitive Exams
  • CUET 2024 MCQ Quiz on Important Dates

IMAGES

  1. 10 lines essay on environment in hindi पर्यावरण पर 10 लाइन निबंध

    environment essay in hindi class 10

  2. 10 lines on save environment in hindi/essay on save environment

    environment essay in hindi class 10

  3. पर्यावरण पर निबंध । Essay on Environment in Hindi । Paryavaran par nibandh Hindi mein

    environment essay in hindi class 10

  4. विश्व पर्यावरण दिवस पर निबंध 2023

    environment essay in hindi class 10

  5. Essay on Environment : पर्यावरण पर हिन्दी में रोचक निबंध

    environment essay in hindi class 10

  6. world-environment-day-essay-in-hindi

    environment essay in hindi class 10

VIDEO

  1. Environment Day 2020 (Hindi)

  2. paryavaran par nibandh/10 lines essay on environment in hindi/essay on environment in hindi

  3. Essay on environment pollution in hindi || पर्यावरण प्रदुषण पर निबंध || paryavaran pradushan

  4. Essay on pollution || 10 easy lines on pollution || Pollution essay in English and hindi

  5. Essay on Environment in Hindi

  6. NCERT Science Class 10 Chapter 15। हमारा पर्यावरण । #environment, #ncert_science, #margdarshan